Monday, August 6, 2012

एक-दूजे के दिल का डाटा आपस में शेयर करायेंगे



फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें

एंटर करके सर्च करूँ तो बस मुझको ही ताकें

रेडिफ जैसे लाल गाल तेरे हॉटमेल से होंठ

बलखा के चलती है जब तू लगे जिगर पे चोट

सुराही दार गर्दन तेरी लगती ज्यों जी-मेल

अपने दिल के इंटरनेट पर पढ़ मेरा ई-मेल

मैंने अपने प्यार का फारम कर दिया है अपलोड

लव का माउस क्लिक कर जानम कर इसे डाउनलोड

हुआ मैं तेरे प्यार में जोगी, तू बन जा मेरी जोगिन

अपने दिल की वेबसाईट पर कर ले मुझको लोगिन

तेरे दिल की हार्डडिस्क में और कोई न आये

करे कोई कोशिश भी तो पासवर्ड इनवैलिड बतलाये

गली मोहल्ले के वायरस जो तुझ पर डोरे डालें

एन्टी वायरस सा मैं बनकर नाकाम कर दूँ सब चालें

अपने मन की मेमोरी में सेव तुझे रखूँगा

तेरी यादों की पैन ड्राइव को दिल के पास रखूँगा

तेरे रूप के मॉनिटर को बुझने कभी न दूँगा

बनके तेरा यू पी एस मैं निर्बाधित पावर दूँगा

भेज रहा हूँ तुम्हें निमंत्रण फेसबुक पर आने का

तोतों को मिलता है जहाँ मौका चोंच लड़ाने का

फेसबुक की ऑनलाईन पर बत्ती हरी जलाएंगे

फेसबुक जो हुआ फेल तो याहू पर पींग बढ़ायेंगे

एक-दूजे के दिल का डाटा आपस में शेयर करायेंगे

फिर हम दोनों दूर के पंछी एक डाल के हो जायेंगे

की-बोर्ड और उँगलियों जैसा होगा हमारा प्यार

बिन तेरे मैं बिना मेरे तू होगी बस बेकार

विंडो से देखेंगे दोनों इस दुनिया के खेल

आइकन के डिब्बों की होगी लंबी रेल

फिर हम आजाद पंछी शादी के सी पी यू में बन्ध जायेंगे

इस दुनिया से दूर डिजिटल की धरती पे घर बनाएँगे

फिर हम दोनों प्यासे-प्रेमी नजदीक से नजदीकतर आते जायेंगे

जुड़े हुए थे अब तक सॉफ्टवेयर से अब हार्डवेयर से जुड़ जायेंगे

तेरे तन के मदरबोर्ड पर जब हम दोनों के बिट टकराएँगे

बिट से बाइट्स, फिर मेगा बाइट्स फिर गीगा बाइट्स बन जायेंगे

ऐसी आधुनिक तकनीकयुक्त बच्चे जब इस धरती पर आयेंगे

सच कहता हूँ आते ही इस दुनिया में धूम मचाएंगे

डाक्टर और नर्स सभी दांतों तले उंगली दबाएंगे

जब ये बच्चे अपना राष्ट्रीय गीत औये- औये- नहीं

याहू-याहू चिल्लायेंगे ….. याहू-याहू चिल्लायेंगे……

याहू-याहू चिल्लायेंगे ….. याहू-याहू चिल्लायेंगे …

Tuesday, July 31, 2012

कुछ दर्द मुझे तू सहने दे ..


कुछ दर्द मुझे तू सहने दे , अंदर से जिन्दा रहने दे ..
आँखे बंजर हो जायेंगी , कुछ अश्क मेरे तू बहने दे ...


होठो में हँसी आँखों में नमी , भीगी सी हैं मेरे दिल कि जमीं..
सब कुछ हाशिल हैं आज मगर , मिटती ही नहीं क्यू तेरी कमी ...


नींदों में सही खवाबो में सही ..
बाहों में तेरी सो लेने दे ...


वों चेहरा तेरा अंदाज तेरा, बाते तेरी एहसास तेरा ..
जो तेरे साथ में बीते थे , कुछ लम्हे हँसी कुछ शाम-ओ-सुबह...
उनको तो अभी अय जान मेरी कुछ देर तो मेरा रहने दे ..


Let me have some pain now, Let me live inside.......
My eyes will become a desert, So let the tears flow,


Smiles on lips, tears on eyes, my heart is numb.....
Got every thing now today but why still missing you...?


Could be In sleep, could be in dream.....
But let me sleep in your arms,


Face of your, look of your, feeling's of your...
Thous moment's been spend with you,
Some of thous moment's of smile, morning and night's,
Oh my dear let me have thous moment's for a wile...


(¯`•.•´¯) (¯`•.•´¯)
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☆ º ♥ `•.¸.•´ ♥ º ☆ @bh!shek .¸¸.•´¯`♥

Monday, March 5, 2012

कभी कभी अकेला बैठता हूँ तो सोचता हूँ,


कभी कभी अकेला बैठता हूँ तो सोचता हूँ,
हम क्यूँ बड़े हुए, हम क्यूँ बड़े हुए !!


जब छोटे थे तो क्या वो दिन थे,
जब मक्कार - ओ - फरेब सब मुमकिन थे,
करते थे शरारत भी तो प्यार मिलता था,
छोटे बड़े सबका ही दुलार मिलता था !


ना था कोई दुख़, ना बोझ कोई सीने पे,
अब क्यों सवाल ये जिम्मेदारियों के खड़े हुए,
कभी कभी अकेली बैठता हूँ तो सोचता हूँ,
हम क्यूँ बड़े हुए, हम क्यूँ बड़े हुए !!


वक़्त को मै पलट कर वापिस ले जा पाता
अपने बचपन को काश फिर से जी पाता,
होता फिर से खुशियों का हंगामा जीवन में,
ना खोते वो मासूमियत जो थी तन मन में !


जिंदगी के हालातों को बदलने की नाकाम कोशिशों में,
जाने क्यों जी रहे है हम जिंदगी से लड़े हुए,
कभी कभी अकेली बैठता हूँ तो सोचता हूँ,
हम क्यूँ बड़े हुए, हम क्यूँ बड़े हुए !!

Monday, February 13, 2012

तारीफ़ से इस क़दर भर दिया



इस दिल को धड़कने की भी फुर्सत न मिलेगी.
तुमने इसे तारीफ़ से इस क़दर भर दिया
सूरज की तरह सल्तनत अब नूर की मेरी
पहले तो जल रहा था मैं जैसे कोई दिया.

अपने ही आप से लड़ता है दिल

अपने ही आप से लड़ता है दिल .
एक सवाल बार बार करता हैं दिल.


रोकते - रोकते रोक न सके 
ऐसे मोड़ पर फिसलता हैं दिल 


ख्वाहिशे अब और न रही 
उसे ही पाने को तड़पता है दिल


छोर दी परवाह ज़माने की 
उसके लिए ही धड़कता हैं दिल 


फूल ने हसकर कहा
ऐसे क्यों मचलता हैं दिल .