Friday, November 18, 2011

कितनी मोहब्बत है तुमसे





कितनी मोहब्बत है तुमसे, हमसे बताया ना गया,
शायद तुम समझ ना सके या हमी से समझाया ना गया,
तुमने करीब आने की कोशिश ना की,
और हमसे हाथ बढाया ना गया !

Wednesday, November 9, 2011

देखता रहूँ उसे पागल की तरह ! !

वो है एक गुलाब की तरह,
ह्रदय है कोमल पंखुड़ियों की तरह !

मुस्कुराती है काँटों में रह कर,
अपनायी है काँटों को भी अपनों की तरह !

उपवन में जब अकेला खिल-खिलाती है,
लगती है मासूम, शायर की कल्पना की तरह !

सुर्ख लबों से जब कोई गीत गुन-गुनाती है,
लगती है सरगम के रूप की तरह !

आँखों में उसकी कुछ इस तरह तेज़ है,
लगती है सुबह की पहली किरण की तरह !

पलकों से जब मुझे वो सराहती है,
लगती है खुशियों से भरे आँगन की तरह !

जब होले से वो मुस्कुराया करती है,
लगती है बच्चों की मासूमियत की तरह !

आँखें मूंदे जब नज़र आती है,
मन करता है देखता रहूँ उसे पागल की तरह !!

Monday, November 7, 2011

तेरा साथ ही बड़ा प्यारा है

गुमशुदा सी जिंदगी लगती है अपनी,
तनहाइयों में जैसे ढूँढता कोई सहारा है,
अपनी पहचान तो बस इतनी सी है कि,
उसने अपने होंठों से नाम मेरा पुकारा है !

दूर साहिल है बहुत मगर आस तो है,
इतना ही बहुत कि हमें दिखता कोई किनारा है,
तसल्ली कर लेते हैं यादों को साथ पा कर,
तो क्या हर्ज़ जो गर्दिशों में वक़्त हमारा है !

तुम आते हो अमावास में यूँ चाँद बन कर,
रोशन हो जाता जैसे कोई अंधियारा है,
आदत बन जायेगी तेरे संग रहने की मुझे,
क्या करें तेरा साथ ही बड़ा प्यारा है !!

Sunday, November 6, 2011

तेरे ही गीत गाना चाहता हूँ



अपने होंठों पर सजा कर तुझे,
बस तेरे ही गीत गाना चाहता हूँ,
जल कर बुझ जाना ही मेरी किस्मत सही,
बस एक बार रोशन हो जाना चाहता हूँ !!

तू मेरी बाहों में रहे..





मै तेरे दिल में रहूँ या तेरी आँखों में रहूँ,
ज़िन्दगी बन के सनम मै तेरी साँसों में रहूँ,
मै तुम्हे सोचता हूँ करवट करवट,
मेरी खवाहिश थी तू मेरी बाहों में रहे !!

Friday, November 4, 2011

Naam Tumhay Kya Doon Mein












Ek Baar Mil Kar Jhukti Jo Nazar
Phoolon Sa Khilta Mera Mann
Ek Baar Choo Letay Sapnon Ko
Chandni Sa Nikharta Mera Mann
Ehsaas Kay Jungle Mein Bhatakta
Kitna Akela Hai Mera Mann
Utha Laaya Kagaz Aur Kalam
Khat Likhnay Ko Utawala Mera Mann
Naam Tumhay Kya Doon Mein
Jaanay Kab Say Sochta Mera Mann
Aaj Bhi Tumko Kuch Na Likh Paaya
Adhurapan Bas Arpit Karta Mera Mann...

हम सिर्फ तुमपे मरना चाहते हैं





कागज़ की नाव पे सवार हो,
समंदर पार करना चाहते हैं,
ये कैसा फितूर है दीवानेपन का हम पे,
कि हम सिर्फ तुमपे मरना चाहते हैं !!